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आयकर विभाग ने 9 मार्च, 2022 को पुणे और ठाणे स्थित एक यूनिकॉर्न स्टार्ट-अप समूह पर एक छापामारी और जब्ती अभियान चलाया। यह स्टार्ट-अप मुख्य रूप से विनिर्माण सामग्री के थोक और खुदरा कारोबार में है। यह समूह पूरे भारत में अपना व्यापार करता है और इसका वार्षिक टर्नओवर (कुल कारोबार) 6,000 करोड़ रुपये से अधिक का है। इस अभियान के तहत महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में स्थित कुल 23 परिसरों में छापामारी की गई।
इस छापामारी अभियान के दौरान हार्ड कॉपी और डिजिटल डेटा के रूप में बड़ी संख्या में दोषी साबित करने योग्य साक्ष्य प्राप्त हुए हैं और इन्हें जब्त किया गया है। इन साक्ष्यों से पता चला है कि इस समूह ने फर्जी खरीद दर्ज की है, भारी बेहिसाब नकद खर्च किया है और 400 करोड़ रुपये से अधिक की कुल समायोजन प्रविष्टियां दर्ज की हैं। इन साक्ष्यों को समूह के निदेशकों के सामने रखा गया, जिन्होंने इस कार्यप्रणाली को स्वीकार किया। इसके अलावा निदेशकों ने विभिन्न मूल्यांकन वर्षों में 224 करोड़ रुपये से अधिक की अतिरिक्त आय का खुलासा किया और अपने बाकी कर को भुगतान करने की पेशकश की।
वहीं, इस छापामारी की कार्रवाई से यह भी पता चला कि समूह ने अत्यधिक उच्च प्रीमियम पर शेयर जारी करके मॉरीशस के रास्ते काफी मात्रा में विदेशी धनराशि प्राप्त की है।
इसके अलावा, इस छापामारी अभियान के दौरान मुंबई और ठाणे स्थित कुछ शेल (फर्जी) कंपनियों के एक जटिल हवाला नेटवर्क का भी पता चला है। ये शेल कंपनियां केवल कागज पर मौजूद हैं और केवल समायोजन प्रविष्टियां दर्ज करने के उद्देश्य से बनाई गई थीं। शुरुआती विश्लेषण से पता चला है कि इन शेल कंपनियों की दर्ज की गई समायोजन प्रविष्टियों की कुल मात्रा 1,500 करोड़ रुपये से अधिक है।
अब तक एक करोड़ रुपये की बेहिसाब नकदी और 22 लाख रुपये के आभूषण जब्त किए गए हैं।
इस मामले में आगे की जांच जारी है।