उदयपुर । संस्कृत शिक्षा मंत्री डॉ बीडी कल्ला ने सोमवार को शासन सचिवालय, जयपुर स्थित सभागार में वर्चुअल रूप से राजकीय महाराणा आचार्य संस्कृत महाविद्यालय, उदयपुर के नवीन भवन का शिलान्यास किया। समारोह में संस्कृत शिक्षा मंत्री ने अपने उद्बोधन में कहा कि संस्कृत सभी भाषाओं की जननी है और संस्कृत के शास्त्रों में योग, आयुर्वेद, ज्योतिष, वेद आदि का ऐसा ज्ञान समाहित है जो मानव मात्र के लिए उपयोगी है। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में निरंतर शोध तथा व्यापक प्रचार-प्रसार की आवश्यकता है।
इस अवसर पर उन्होंने महाविद्यालय के भवन निर्माण कार्य को गुणवत्तापूर्वक तथा समयबद्ध तरीके से पूर्ण करने हेतु संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया। संस्कृत शिक्षा के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री पवन कुमार गोयल ने संस्कृत को सभी भाषाओं का प्राचीन स्रोत बताते हुए आधुनिक संदर्भ में इसके उपयोग पर बल दिया। साथ ही श्री गोयल ने संस्कृत संस्थाओं के सर्वांगीण विकास हेतु राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे कार्यों पर भी प्रकाश डाला।
समारोह का शुभारंभ वैदिक मंगलाचरण से हुआ। संस्कृत शिक्षा निदेशक व संयुक्त निदेशक ने पुष्प गुच्छ भेंट करके व साफा पहनाकर संस्कृत शिक्षा मंत्री व अतिरिक्त मुख्य सचिव का स्वागत किया। निदेशालय संस्कृत शिक्षा, समस्त संभागीय कार्यालयों के साथ ही संस्कृत महाविद्यालयों और विद्यालयों के अधिकारी, कर्मचारी एवं शिक्षकगण हजारों की संख्या में कार्यक्रम से ऑनलाइन जुड़े। कार्यक्रम के अंत में संस्कृत शिक्षा निदेशक डॉ दीरघराम रामस्नेही ने मुख्य अतिथियों का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन संस्कृत माध्यम में संस्कृत शिक्षा के संयुक्त निदेशक डॉ. भास्कर शर्मा “श्रोत्रिय” ने किया।