उदयपुर, 3 अप्रेल। रोगों में उपचार के लिए अन्य पैथियों की तरह इलेक्ट्रोपैथी का भी अपना अहम योगदान है। इस पैथी का लाभ जनता को मिले, इसके लिए बनाए गए बोर्ड को गतिशील कराने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। यह कहना है राजस्थान सरकार के जल संसाधन मंत्री महेंद्रजीत सिंह मालवीया का। मालवीया रविवार को उदयपुर के प्रताप गौरव केंद्र के कुंभा सभागार में इलेक्ट्रोहोम्योपैथी चिकित्सा परिषद की ओर से आयोजित राष्ट्रीय सेमिनार को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। जिसमें देश भर से इलेक्ट्रापैथी के छह सौ से अधिक चिकित्सा विशेषज्ञों ने भाग लिया।
जलसंसाधन मंत्री मालवीया ने कहा कि कोरोना काल में चिकित्सकों और चिकित्सा क्षेत्र में काम करने वाले कार्मिकों की सेवाओं को नहीं भुलाया जा सकता। इनमें इलेक्ट्रापैथी के चिकित्सक एवं कर्मचारी भी शामिल थे। जिन्होंने जगह—जगह नि:शुल्क कैम्प लगाकर रोगियों को दवाइयां वितरित कीं। उन्होंने इसके लिए इलेक्ट्रोपैथी चिकित्सा विशेषज्ञों का आभार जताया। उन्होंने विश्वास जताया कि राज्य सरकार की ओर से गठित इलेक्ट्रापैथी बोर्ड को गतिशील बनाए जाने को लेकर आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।
सेमिनार में शामिल विशिष्ट अतिथि वल्लभनगर विधायक प्रीति गजेंद्र सिंह शक्तावत ने कहा राजस्थान सरकार इलेक्ट्रापैथी एक्ट के तहत बोर्ड का गठन कर चुकी है। वह प्रयास करेंगी कि इलेक्ट्रापैथी बोर्ड गतिशीलता के साथ काम करें।
राज्य सरकार के श्रम सलाहकार समिति उपाध्यक्ष जगदीश राज श्रीमाली ने कहा कि इलेक्ट्रोपैथी जन मानस में फैली हुई प्रचलित पद्यति है। इसके वैज्ञानिक हर्बल पैथी के जरिए रोगियों का उपचार करते हैं, जो अन्य पैथियों के मुकाबले ज्यादा कारगर और सस्ती है। उन्होंने इलेक्ट्रापैथी बोर्ड के जल्द से जल्द कारगर और नियमितिकरण करवाने के लिए प्रयास करने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि इस संबंध में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से बात कर जल्द ही इसके लिए अलग से बजट आवंटित कराने का प्रयास करेंगे ताकि इस पैथी के अलग से मेडिकल कॉलेज और अस्पताल खोले जा सकें।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन उदयपुर चैप्टर के अध्यक्ष एवं अरावली ग्रुप आॅफ हॉस्पिटल के निदेशक डॉ. आनंद गुप्ता ने कहा कि यदि मरीजों को इलेक्ट्रोपैथी विधि से वृहद स्तर पर उचित उपचार मिले तो भारत में दूसरी पैथी खासकर एलोपैथी पर बढ़ रहे मरीजों का दबाव कम होगा।
शैक्षणिक सत्र में डॉ. एसएस राजपुरोहित ने इलेक्ट्रापैथी से इनफर्टिलिटी उपचारिक मरीजों से आमजन को रूबरू कराया और बताया कि किस तरह इस पैथी से कम पैसों और कम समय में रोगियों को सुलभ उपचार संभव है। डॉ. बीआर गुप्ता कोटा वाले और डॉ. हेमन्त सेठिया वह डॉ. राजीव नामा ने अपने—अपने रिसर्च की जानकारी दी।
इस अवसर पर मदनमोहन मालवीय आयुर्वेद कॉलेज के प्रिंसिपल ने महिला—पुरुष बांझपन एवं इलेक्ट्रोपैथी चिकित्सा पुस्तक का विमोचन किया। कार्यक्रम में गिर्वा प्रधान सज्जन कटारा, डॉ. राजेश आचार्य, डॉ. नवनीत त्रिवेदी, डॉ. गोविन्द सैनी, डॉ. रवि, डॉ. देवराज पुरोहित, डॉ. राजेंद्र, डॉ. मोहन मीणा, डॉ. राजमल आदि मौजूद थे।
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