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उदयपुर

आपसी समझाइश से निपटेगा 65 सालों से जारी राजस्थान-गुजरात सीमा विवाद,जिला कलक्टर ने झाड़ोल-कोटड़ा पहुँच कर स्थानीय निवासियों से की मुलाकात

उदयपुर। उदयपुर जिले के सुदूर जनजाति अंचल कोटड़ा व झाड़ोल के कल्याण के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। शनिवार को जिला कलक्टर ताराचंद मीणा झाड़ोल-कोटड़ा दौरे पर रहे और उन्होंने यहां लगभग 65 वर्ष से जारी राजस्थान-गुजरात जिले के जमीन सीमा विवाद को निपटाने के लिए स्थानीय लोगों को आगे आकर पूर्ण सहयोग देने की बात कही। कलक्टर के लगातार प्रयासों एवं समझाइश पर राजस्थान के लोगों ने इस विवाद को निपटाने के लिए पूर्ण सहयोग प्रदान करने की सहमति प्रदान की।
यह विवाद लगभग 5 हजार बीघा जमीन का है, जो कोटड़ा, खेरवाड़ा व झाडोल के इलाकों को गुजरात के साबरकांठा व अरावली जिले से जुड़ा है और राजस्व व वन विभाग से संबंधित है। जिला कलक्टर ने बाइक के द्वारा एवं पैदल चलकर संबंधित क्षेत्र मामेर, महाड़ी, आंजनी, झांझर व झाड़ोल के इस विवादित क्षेत्र का दौरा किया और संबंधित अधिकारियों से वस्तुस्थिति की जानकारी प्राप्त की।
संबंधित अधिकारियों-कार्मिकों से चर्चा करने पर पता चला कि रिकॉर्ड में गुजराव व राजस्थान दोनों राज्यों में इस भूमि की ऑवरलेपिंग होने की वजह से आज तक इस विवाद का समाधान नहीं हो पाया है। कलक्टर ने इस विवाद के संबंध में रिटायर्ड अमीन हिम्मत सिंह राठौड़ से पूरी जानकारी प्राप्त कर वन एवं राजस्व विभाग के अधिकारियों को समन्वय स्थापित कर इस मामले का उचित समाधान करने के निर्देश दिए। इस पर कलक्टर ने आश्वस्त किया कि संबंधित क्षेत्र के राजस्थान के काश्तकारों व स्थानीय लोगों की सहमति प्राप्त करने के बाद गुजरात सरकार से बात की जाएगी और शीघ्र ही इस विवाद को समाप्त कर राहत प्रदान करने का प्रयास किया जाएगा। इस संबंध में कलक्टर ने स्थानीय लोगों से समझाइश की तो लोगों ने इस विवाद को निपटाने में पूरा सहयोग देने की बात कही।
चक सांडमारिया व बुझा का नाका बांध से जुडी अफवाहों पर ध्यान न देंः जिला कलक्टर
कोटड़ा-झाड़ोल क्षेत्र के दौरे के दौरान कलक्टर ने क्षेत्र में प्रस्तावित “चक सांडमारिया व बुझा का नाका बांध” साइट का अवलोकन किया। इस संबंध में क्षेत्र में अफवाह चल रही थी कि इस कार्य का शिलान्यास 15 दिनों में होने वाला है और इस बात से डूब क्षेत्र में आने वाले एवं प्रभावित क्षेत्र के ग्रामीणों में रोष था। इस पर कलक्टर ने ग्रामीणों से संवाद किया और उन्हें बताया कि अभी इस कार्य को लेकर सर्वे एवं अन्य प्रक्रियाएं बाकी है और आमजन के हित को ध्यान में रखने हुए पूर्ण न्यायप्रणाली के अनुसार ही कार्य किया जाएगा। उन्होंने इस संबंध में जल संसाधन विभाग के अधिकारियों को विस्तृत निर्देश प्रदान किए। कलक्टर की विजिट के दौरान विकास अधिकारी धनपत सिंह, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, राजस्व व वन विभाग के अधिकारी सहित अन्य ब्लॉक स्तरीय अधिकारी मौजूद रहे।

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