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गौशालाओं, नंदी शालाओं एवं आवारा पशुओं की समस्याओं का निराकरण के लिए मंत्रिमण्डलीय समिति गठित, समिति आमजन से भी लेगी सुझाव

जयपुर। मुख्यमंत्री निवास पर 18 मई को आयोजित राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में हुई चर्चा के क्रम में राज्य में गौशालाओं, नंदी शालाओं एवं आवारा पशुओं की समस्याओं का निराकरण के लिए 7 मंत्रियों की एक मंत्रिमण्डलीय समिति गठित की गई है। स्वायत्त शासन एवं नगरीय विकास मंत्री श्री शांति कुमार धारीवाल इस समिति के संयोजक एवं गौपालन मंत्री श्री प्रमोद जैन भाया समन्वयक होंगे। कृषि एवं पशुपालन मंत्री श्री लालचन्द कटारिया, जल संसाधन मंत्री श्री महेश जोशी, राजस्व मंत्री श्री रामलाल जाट, उद्योग मंत्री श्रीमती शकुंतला रावत, उच्च शिक्षा एवं गृह राज्यमंत्री श्री राजेन्द्र यादव इस समिति के सदस्य होंगे। इस समिति का प्रशासनिक विभाग गोपालन विभाग होगा तथा शासन सचिव, गोपालन विभाग इस समिति के सदस्य सचिव होंगे। 
यह समिति गौशालाओं को चारागाह भूमि के आवंटन, नंदी शालाओं के कार्यान्वयन में आ रही व्यावहारिक समस्याओं के निराकरण, शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में आवारा पशुओं की समस्याओं के समाधान एवं इन विषयों से संबंधित अन्य समस्याओं के निराकरण पर चर्चा कर निर्णय लेगी। यह समिति वरिष्ठ अधिकारीगणों एवं विशेषज्ञों के साथ बैठक करेगी एवं आमजन से भी इन समस्याओं के निराकरण के लिए सुझाव आमंत्रित करेगी। यह समिति इन सभी विषयों पर चर्चा कर निर्णय कर सकेगी।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने अभूतपूर्व गर्मी, सीमित संसाधनों एवं पेयजल की समस्या को देखते हुए प्रदेश में गौशालाओं को दी जा रही अनुदान की अवधि को 6 माह से बढ़ाकर 9 माह करने के आदेश भी दिए हैं। इससे गौशाला संचालकों को बड़ी राहत मिलेगी। अब मंत्रिमण्डलीय समिति के गठन से गौशाला संचालकों, नंदी शालाओं एवं आवारा पशुओं की समस्या का भी हल निकल सकेगा।

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