उदयपुर। वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की जयंती के अवसर पर मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने गुरुवार को मेवाड़ को एक और अनूठी सौगात दी है। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने महाराणा प्रताप की संकटकालीन राजधानी और समाधि स्थल रहे चावंड में लगभग 5 करोड़ रुपये की लागत से महाराणा प्रताप पैनोरमा बनाने की घोषणा की है।
मुख्यमंत्री की इस घोषणा के तहत इस पैनोरमा में महाराणा प्रताप के जीवन संघर्ष तथा तत्कालीन मेवाड़ की सभ्यता व संस्कृति का चित्रण किया जाएगा एवं आस-पास के स्थलों को विकसित किया जायेगा जिससे लोग यहां आकर उनके जीवन से प्रेरणा ले सकें।
प्रताप की संकटकालीन राजधानी रहा है चावंडः
उल्लेखनीय है कि संकटकालीन राजधानी रहे चावंड में महाराणा प्रताप ने अपना लंबा समय व्यतीत किया था। उन्होंने अपने महलों का विकास न करते हुए इस स्थान को आखेट, पहाड़ अधिवास जल संचय, ज्ञान विज्ञान, कला व वाटिका निर्माण की दृष्टि से विकसित किया। चावंड में ही वर्ष 1597 में माघ शुक्ल एकादशी के दिन महाराणा प्रताप का निधन हुआ था। वर्तमान में चावंड में महाराणा प्रताप के महल, बंडोली (चावंड) में उनका समाधि स्थल और महाराणा प्रताप स्मारक बना हुआ है।
प्रताप से जुड़े स्थलों के विकास के लिए प्रतिबद्ध है सरकारः
गौरतलब है कि महाराणा प्रताप के जीवन से जुड़े ऐतिहासिक स्थलों के जीर्णाेद्धार एवं विकास के लिए प्रतिबद्ध राज्य सरकार द्वारा प्रताप के जन्म स्थल, उनकी कर्मभूमि एवं समाधि स्थल से जुड़े समस्त स्थानों पर राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर मेवाड़ कॉम्पलेक्स फेज-1 एवं फेज-2 के तहत विभिन्न कार्य करवाए गए हैं। इसी प्रकार मेवाड़ के लिए इन दो दिनों में सरकार ने अनूठी सौगात दी है, महाराणा प्रताप जयंती से एक दिन पूर्व 1 जून बुधवार को जिले के गोगुन्दा में स्थित महाराणा प्रताप से संबंधित प्रमुख ऐतिहासिक स्थल मायरा की गुफा (प्रताप शस्त्रागार) के लिए पांच करोड़ चालीस लाख चवालिस हजार रुपये की प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति जारी कर मेवाड़ वासियों को बड़ी सौगात प्रदान की गई।
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