उदयपुर.
विद्या भारती संस्थान द्वारा संचालित विद्या निकेतन विद्यालय हिरण मगरी सेक्टर 4 उदयपुर में 33 वी राष्ट्रीय योगासन प्रतियोगिता का उद्घाटन 16 दिसंबर 2022 को प्रातः 9:00 हुआ।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता श्री शिव प्रसाद जी, मुख्य अतिथि मावली विधायक धर्मनारायण जोशी, अध्यक्षता श्रीमान के जी गुप्ता एवं विशिष्ट अतिथि एम एल गोयल व धीरेंद्र सिंह सचान थे।
अतिथि परिचय एवं स्वागत विद्या भारती उदयपुर जिला समिति अध्यक्ष तेज सिंह छाजेड़ और मधुसूदन शर्मा जी ने किया।
कार्यक्रम का संचालन विद्या भारती उदयपुर के जिला सचिव ओमप्रकाश सुखवाल ने किया।
ध्वजारोहण के साथ ही कार्यक्रम का आरंभ हुआ। भैया शौर्य द्वारा खिलाड़ियों को खेल भावना की शपथ दिलाई गई।
प्रतियोगिता की औपचारिक शुरुआत की घोषणा श्रीमान एम एल गोयल ने की।
मावली विधायक धर्मनारायण जी ने कहा कि मेवाड़ की धरा पर पधारे सभी अतिथियों, प्रतियोगियों का अभिनंदन है, आपने नई शिक्षा नीति की चर्चा करते हुए कहा कि इस नीति में मातृभाषा पर जोर दिया गया है जिससे बालक निश्चित रूप से आत्मनिर्भर प्रतिभावान और राष्ट्रभक्ति से ओतप्रोत बनेगा। योग का हमें नियमित अभ्यास करते रहना चाहिए।
श्रीमान धीरेंद्र सचान ने राष्ट्रीय स्तर पर चयनित होकर आए सभी प्रतियोगियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आप अपने परिवार विद्यालय, प्रांत व देश का नाम रोशन करें । आपने सभी को अपने कर्तव्य पथ पर निरंतर बढ़ने की प्रेरणा दी।
राजेश चौबीसा ने भाव गीत “बने हम हिंद के योगी” सुना कर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।
शिवप्रसाद जी ने योगासन का महत्व बताते हुए कहा कि योगासन कठोरता से करने की बजाय संयम से करना चाहिए, आपने कहा कि जीवन को श्रेष्ठ बनाना शिखर पर ले जाना और देश को श्रेष्ठ बनाना यह योगासन सिखाता है और एक आदर्श व्यक्तित्व बनाना भी योगासन सिखाता है। शिवप्रसाद जी द्वारा अष्टांग योग के प्रणेता पतंजलि महाराज की स्तुति इस श्लोक से करते हुए ” योगेन चित्तस्य पदेन वाचां, मलं शरीरस्य च वैद्यकेन। योऽपाकरोत् तं प्रवरं मुनीनां, पतंजलि प्रांजलिरानतोऽस्मि” कहां की यम , नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान, समाधि में से 5 अंगों के बारे में बताया। जीवन में योगासन से शरीर लचीला, तेजमयी और फुर्तीला बनता है। योगासन प्रतियोगिता के रूप में ना लेकर अपने जीवन में आत्मसात करना चाहिए तभी सच्चे अर्थों में इसका महत्व है।
केजी गुप्ता ने कहा कि कोई भी काम करें मन से करना चाहिए यदि योग कर रहे हैं तो उसे तल्लीनता से करें आपने अपने योग के अनुभव बताते हुए कहा कि आपको तथा आपके परिवार को भी योग से बहुत फायदा हुआ है।
उद्घाटन सत्र में आभार प्रदर्शन भंवरलाल शर्मा ने किया तथा उद्घाटन सत्र का अंत प्रांत संस्कार केंद्र प्रमुख व योग प्रमुख प्रभात आमेटा ने वंदे मातरम के साथ करवाया।
खेल संयोजक दिल्ली श्री राजेश जी के अनुसार आज अंडर 14 ( बाल वर्ग) में व अंडर 17 (किशोर वर्ग) के भैया व बहनों की दलगत प्रतियोगिता संपन्न हुई।
17 दिसंबर को अंडर-19 (तरुण वर्ग) के भैया बहनों की प्रतियोगिताएं होगी तथा कठिन आसनों की व्यक्तिगत प्रतियोगिता और संगीत व नृत्य के साथ आसन की व्यक्तिगत प्रतियोगिता भी कल होगी।