उदयपुर.
विद्या भारती संस्थान उदयपुर द्वारा संचालित विद्या निकेतन उच्च माध्यमिक विद्यालय हिरण मगरी सेक्टर 4 में चल रही तीन दिवसीय 33 वीं योगासन प्रतियोगिता 2022, 18 दिसंबर 2022 रविवार को भागीरथ सभागार में संपन्न हुई।
अतिथियों ने दीप प्रज्वलन और वंदना के साथ समापन कार्यक्रम का शुभारंभ किया और विद्या भारती उदयपुर के सचिव ओमप्रकाश सुखवाल ने अतिथियों का परिचय एवं स्वागत किया।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता अवनीश भटनागर महामंत्री विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान, मुख्य अतिथि योग गुरु देवेंद्र अग्रवाल, कार्यक्रम की अध्यक्षता पारस सिंघवी उप महापौर नगर निगम उदयपुर और विशिष्ट अतिथि के के जारोली और आशीर्वचन पूज्य श्री रास बिहारी शरण शास्त्री मेवाड़ महाविद्यालेश्वर उदयपुर ने दिया। कार्यक्रम में विद्या भारती राजस्थान के सह-संगठन मंत्री गोविंद कुमार, विद्या भारती उदयपुर अध्यक्ष तेज सिंह छाजेड़ का भी सानिध्य रहा।
मुख्य अतिथि देवेंद्र जी ने कहा कि आप सभी भविष्य में योग साधक हैं, इसमें नियमितता और निरंतर अनिवार्य है, हमारे आहार, विहार, नैतिकता, विचार इन चार पर ध्यान नहीं देंगे, तो आप योग के मानसिक और वैचारिक गुणों का लाभ नहीं उठा सकते हैं। योगाभ्यास करते समय योग के नियमों का पालन करें।
कार्यक्रम का वृत्त निवेदन सत्यनारायण मिश्रा क्षेत्रीय खेल प्रमुख विद्या भारती राजस्थान ने प्रस्तुत किया ।
आपने बताया कि पूरे भारत से, बाल वर्ग, किशोर वर्ग, तरुण वर्ग, 53 टीम ने इस कार्यक्रम में भाग लिया। कुल 294 प्रतिभागी और 68 प्रभारी आचार्य आए। इस कार्यक्रम को पूरे देश के अलग-अलग प्रांतों से आए 20 निर्णायको की टोली ने अपने निर्णयों से सफल बनाया। इस प्रतियोगिता में असम, कर्नाटक, उड़ीसा, दिल्ली, मध्य प्रदेश जैसे 11 क्षेत्रों की टीमें भाग लेने आईं।
इस कार्यक्रम में रंगमंच प्रदर्शन भी हुआ जिसमें आसाम के बिहू नृत्य और राजस्थानी नृत्य और गीत सबके आकर्षण के केंद्र रहे।
मेवाड़ महामंडलेश्वर रासबिहारी शरण शास्त्री जी ने योग को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि हमारे तन मन को स्वस्थ रखने में योग का एक बड़ा स्थान है। हमारे देश में खेलों के प्रति बच्चों में रुझान बनाए जा रहे हैं जो हमारे देश के लिए बहुत अच्छी बात है। आपने विजेताओं को आशीर्वाद दिया और शुभकामनाएं दीं।
हरियाणा के भैया अक्षत ने सभी को भावना गीत “भारत माता तेरे तेरा आंचल” सुनाकर श्रोताओं को भाव विभोर किया।
मुख्य वक्ता अवनीश जी ने कहा कि भगवान कृष्ण को योगेश्वर के नाम से जाना जाता है। योग का अर्थ केवल आसन , प्राणायाम नहीं है, योग आपके जीवन में भी स्थान ले यह आवश्यक है, आपने कहा कि आप सभी ने इस प्रतियोगिता में उत्साह से भाग लिया है आपको शुभकामनाएं।
पारस सिंघवी ने अपने उद्बोधन में पूरे देश के विभिन्न प्रांतों के पधारे मेहमानों और योगियों का अभिनंदन किया। आपने कहा कि योग आत्मा और परमात्मा को मिलाने का प्रतिनिधि है। विद्या भारती संस्कार भरने के लिए अच्छा कर रही हैं और यह तीन दिवसीय योग महोत्सव सभी को योग के बारे में जागरूक करेगा।
आर्टिस्टिक बाल वर्ग में दक्षिण मध्य क्षेत्र के भैया प्रथम किशोर वर्ग उत्तर क्षेत्र के भैया प्रथम और तरुण वर्ग में उत्तर क्षेत्र के भैया प्रथम थे।
वहीं, आर्टिस्टिक प्रतियोगिता में दक्षिण मध्य क्षेत्र के बहने बाल वर्ग और तरुण के प्रथम स्थान पर रही।
रिद्धमिक प्रतियोगिता में दक्षिण मध्य क्षेत्र भैया और दक्षिणी मध्य क्षेत्र की बहने बाल वर्ग में प्रथम स्थान पर रहा।
किशोर वर्ग में पूर्वोत्तर क्षेत्र के भैया और दक्षिण मध्य क्षेत्र की बहने पहले स्थान पर रही।
तरुण वर्ग में, उत्तर क्षेत्र के भैया प्रथम और बिहार क्षेत्र की बहने प्रथम रही।
विद्या भारती उदयपुर सह मंत्री भंवरलाल शर्मा द्वारा मेहमानों का आभार प्रदर्शन किया गया। अतिथियों ने ध्वजावतरण और केके शर्मा ने कार्यक्रम के औपचारिक समापन की घोषणा की।
पर्यवेक्षक के रूप में ललित मोहन जी और राजेश जी खेल संयोजक दिल्ली के मार्गदर्शन में कार्यक्रम संपन्न हुआ।
इस कार्यक्रम में रमेश चंद्र शुक्ला, उदय लाल सुथार, सुंदर लाल कटारिया, बद्री लाल सोनी, जगदीश कुलमी, गोपाल सोनी आदि शामिल थे।