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चित्तौडगढ़

दुर्लभ नटराजन की चुराई हुई मूर्ति पुनः आई चित्तौड़गढ़, सांसद जोशी के आग्रह पर केन्द्रीय मंत्री मेघवाल रविवार को सौंपेंगे स्थानीय पुरातत्व विभाग को

चित्तौड़गढ़, 13 जनवरी। शताब्दी वर्षों पूर्व की दुर्लभ नटराजन की चुराई हुई मूर्ति जल्दी चित्तौड़गढ़ आएगी। रविवार 15 जनवरी को केन्द्रीय मंत्री अर्जुन मेघवाल चित्तौड़गढ़ सांसद सी.पी. जोशी के आग्रह पर औपचारिक कार्यक्रम में उक्त बहुमूल्य दुर्लभ मूर्ति को स्थानीय पुरातत्व विभाग (एएसआई) को सौंपेंगे।
उल्लेखनीय है कि चित्तौड़गढ़जिले के रावतभाटा के पास स्थित प्राचीन ऐतिहासिक बाड़ौली शिव मंदिर से सन् 1998 में दुर्लभ नटराजन की मूर्ति चोरी हो गई थी।यह मूर्ति बाड़ौली मंदिर समूह के मुख्य मंदिर घटेश्वर महादेव के पार्श्व भाग में लगी हुई थी।जानकारी के मुताबिक बाड़ौली के प्राचीन घटेश्वर शिव मंदिर से फरवरी 1998 में नटराज मूर्ति चोरी हुई थी और 8 महीने बाद जंगल में मूर्ति को पाया गया, जिसके बाद विभाग ने इसे ही असली मूर्ति समझकर गोदाम में रखवा दिया था।वहीं ऑपरेशन ब्लैक होल के दौरान चोरों द्वारा यह बताया गया कि नटराज की असली मूर्ति चोरी हो गई है और रखी गई मूर्ति नकली है।साथ ही यह पाया गया कि असली मूर्ति लंदन में किसी प्राइवेट म्यूजियम में रखी हुई है। तस्करो ने इसे बेच दिया था। 1998 में चोरी यह मूर्ति बहुत दुर्लभ है। भारत सरकार अपनी प्राचीन विरासत को संग्रहित करने के क्रम में इस मूर्ति को भी भारत को लौटाने में सफल रही और 2020 में यह भारत लौट आयी। सांसद जोशी के आग्रह के बाद कानूनी औपचारिकता के बाद अब रविवार को भारत सरकार के संस्कृति मंत्री अर्जुनराम मेघवाल दुर्ग स्थित कुम्भा महल के उद्यान में शाम को 4.30 बजे औपचारिक कार्यक्रम में स्थानीय पुरातत्व विभाग (एएसआई) को सौंपेंगे। इसके साथ ही सांसद जोशी ने बाड़ौली स्थित परिसर में म्यूजियम बनाने की मांग भी केन्द्रीय मंत्री से की है ताकि यह नटराजन की मूर्ति वहां स्थापित कर सके और म्यूजियम होने से यह मूर्ति वहां सुरक्षित रह पायेगी।

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