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जनाधार ऑथेंटिकेशन को लेकर जारी आदेश पर शिक्षकों ने जताया रोष,मुख्यमंत्री को राजस्थान शिक्षक संघ(राष्ट्रीय) ने लिखा पत्र

जयपुर। सीसीए रूल्स में कार्यवाही के शासन सचिव के निर्देशों पर रोक लगवाते हुए यूनिफार्म सिलाई राशि सीधे अभिभावको के खाते में जमा करवाने के निर्देश जारी कर राहत प्रदान करवाने को लेकर शिक्षक संघ(राष्ट्रीय) ने मुख्यमंत्री गहलोत को पत्र भेजा है।
पत्र के जरिए मुख्यमंत्री को बताया गया है कि राजस्थान शिक्षक संघ (राष्ट्रीय) का आग्रह है कि जनाधार ऑथेंटिकेशन व डीबीटी से भुगतान राज्य के शिक्षको के लिए मुसीबत बनती जा रही है। मुख्य सचिव महोदया द्वारा 13 फरवरी 2023 को शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ निःशुल्क यूनिफॉर्म की समीक्षा बैठक होनी है। जिसमें 85 प्रतिशत जनाधार प्रमाणीकरण एवं शत प्रतिशत डीबीटी बिलों का लक्ष्य जिलों को दिया है तथा जिनकी प्रोग्रेस 85 प्रतिशत से कम है ऐसे पीईईओ एवं शिक्षकों के विरुद्ध राज्य स्तर से सीसीए रूल्स में कार्यवाही के निर्देश दिए है जो उचित नही है। इससे संपूर्ण शिक्षक समाज उद्वेलित है।
संगठन का आग्रह है कि आधार व जनाधार ऑथेंटिकेशन का कार्य शिक्षको व स्कूलों का नही है। जिन परिवारो के जनाधार नही है उन्हें बनवाने, जिनके जनाधार बन चुके है उनमें बकाया रहे बच्चों के नाम जुड़वाने, जिनके नाम पूर्व से जुड़े है व बैंक खाता संख्या लिखने में त्रुटियां रह गयी है उन्हें सुधरवाने का काम शिक्षको का नहीं है। जबरन शिक्षको को नोटिस व सीसीए रूल्स में कार्यवाही की धमकी देकर कार्य करवाना तुगलकी फरमान जारी करने जैसा है जिसका संगठन पुरजोर विरोध करता है।
निवेदन है कि राज्य के शिक्षको द्वारा हर परिस्थिति में शासन व प्रशासन द्वारा सौपें गए समस्त कार्यों को बखूबी पूरा किया है किन्तु अभिभावकों द्वारा सहयोग नहीं किया जा रहा है, ऐसे में सीसीए रूल्स में कार्यवाही की धमकी के साथ क्षेत्र में आने वाली समस्याओं को नजरअंदाज करते हुए दबाव डालकर कार्य करवाने के आदेश प्रदान करना समीचीन नहीं है।
संगठन कि मांग है कि निःशुल्क यूनिफॉर्म सिलाई राशि का भुगतान का कार्य डीबीटी के स्थान पर प्रत्येक जिले के समग्र शिक्षा के माध्यम से अभिभावकों के बैंक खाते की डायरी की स्व प्रमाणित प्रति मंगवाकर पीईईओ के जरिये सम्पन्न करवाया जाये तथा जनाधार ऑथेंटिकेशन व डीबीटी से भुगतान की कार्यवाही पर तत्काल रोक लगवाते हुए शिक्षको व पीईईओ के विरुद्ध की जा रही अनावश्यक कार्यवाही पर अंकुश लगाया जावे अन्यथा शिक्षको को मजबूरन राज्य व्यापी आंदोलन प्रारंभ करने मजबूर होना पड़ेगा।

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