जयपुर, 14 फरवरी। वन मंत्री श्री हेमाराम चौधरी ने मंगलवार को विधानसभा में कहा कि लाड़पुरा में कोई गांव वन भूमि पर नहीं बसा है, बल्कि गांवों के पास की वन भूमि पर लोगों द्वारा अतिक्रमण किया गया है। उन्होंने कहा कि वन भूमि को आबादी भूमि में परिवर्तित करने का वर्तमान में कोई प्रावधान नहीं है।
श्री चौधरी ने प्रश्नकाल के दौरान सदस्य द्वारा इस संबंध में पूछे गये पूरक प्रश्न के जवाब में कहा कि लाडपुरा विधानसभा क्षेत्र में वन भूमि पर बसे केवल नगर में 50 हैक्टेयर की भूमि पर अतिक्रमण कर 1500 परिवार रह रहे हैं। इसी प्रकार बोरकुई बस्ती में 10 हैक्टेयर वन भूमि पर अतिक्रमण किया गया है तथा 60 परिवार निवास कर रहे हैं। राजनगर बस्ती में 15 हैक्टेयर वनभूमि पर 300 परिवार, जगपुरा बस्ती में 7 हैक्टेयर वनभूमि पर 30 परिवार, उम्मेदगंज बस्ती में 10 हैक्टेयर वनभूमि पर 300 परिवार, लाखावा ए बस्ती में 50 हैक्टेयर पर 400 परिवार तथा कहार बस्ती में 17.23 हैक्टेयर में 35 परिवार वनभूमि पर अतिक्रमण कर रह रहे हैं। उन्होंने कहा कि नियमानुसार वन भूमि पर बनी इन बस्तियों के लिए भू-परिवर्तन किया जाना संभव नहीं है।
इससे पहले वन मंत्री ने विधायक श्रीमती कल्पना देवी के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में कहा कि वन संरक्षण अधिनियम 1980 के अन्तर्गत आवासीय प्रायोजनार्थ वन भूमि का प्रत्यावर्तन अनुमत नहीं है।
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