जयपुर। राजस्व मंत्री श्री रामलाल जाट ने कहा कि राज्य सरकार ने काश्तकारों की सुविधाओं को ध्यान में रख कर विभिन्न राजस्व नियमों का सरलीकरण किया है, जिससे वर्षों से लंबित प्रकरणों का त्वरित निस्तारण हो सका। राजस्व विभाग में प्रशासनिक इकाईयों का वृहद विस्तार करते हुए गत 4 साल में 1292 राजस्व इकाइयों को सृजित किया गया, जिससे किसानों से संबंधित मामले सुगमता से निस्तारित हो रहे है। उन्होंने कहा कि प्रशासन गांवों के संग अभियान में 92 लाख 82 हजार व्यक्तियों को लाभान्वित किया गया है।
श्री जाट गुरूवार को विधानसभा में मांग संख्या 16 (राजस्व विभाग) की अनुदान मांगों पर हुई बहस का जवाब दे रहे थे। चर्चा के बाद सदन ने राजस्व विभाग की 20 अरब 35 करोड़ 20 लाख 11 हजार रूपये की अनुदान मांगें ध्वनिमत से पारित कर दी।
राजस्व मंत्री ने बताया कि राज्य सरकार के गत 4 वर्षो में से 2 वर्ष वैश्विक महामारी कोरोना से प्रभावित होने के बावजूद राजस्थान को देश का मॉडल स्टेट बनाने का प्रयास किया है। इस कड़ी में प्रदेश में प्रशासनिक इकाइयों का विस्तार किया गया है। इसके तहत 1292 इकाइयां सृजित की गईं तथा 1035 नये पटवार मण्डल खोले गये हैं।
श्री जाट ने बताया कि राज्य सरकार ने प्रत्येक ग्राम पंचायत मुख्यालय पर प्रशासन गांवों के संग अभियान के शिविर आयोजित किये। अभियान के सफल संचालन के लिए प्री, मैन एवं फॉलोअप कैंप आयोजित किये गये। इन शिविरों में आमजन ने उत्साह के साथ हिस्सा लिया। लगभग 92 लाख 82 हजार लोग इन शिविरों से लाभान्वित हुये। इनमें 16 लाख से अधिक खातों का शुद्धिकरण एवं 1 लाख 50 हजार से अधिक खाता विभाजन के प्रकरण निस्तारित किये गये । इन शिविरों को 23 मार्च 2023 तक आयोजित किया जा रहा है।
राजस्व मंत्री ने बताया कि राज्य सरकार ने नवाचार करते हुए किसानों के हित में कई महत्वपूर्ण कदम उठाये है। किसान और गरीबों के दर्द को समझते हुए वर्ष 2018-19 से पूर्व का सम्पूर्ण बकाया लगान माफ किया। साथ ही विभाग द्वारा फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगाने हेतु कन्वर्जन से छूट, इन्टीग्रेटेड टाउनशिप हेतु कन्वर्जन का प्रावधान, सामाजिक एवं चैरिटेबल ट्रस्ट को कन्वर्जन चार्ज से मुक्ति, स्टेडियम, खेल मैदान एवं स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स हेतु कन्वर्जन की अनुमति, हाइड्रोकार्बन एक्सप्लोरेशन हेतु कन्वर्जन से मुक्ति, खातेदारी भूमि पर बॉयोमास पावर प्लांट्स के लिए कन्वर्जन से छूट, लैण्ड कन्वर्जन पोर्टल की शुरूआत जैसे महत्वपूर्ण कदम उठाए है। साथ ही विभाग ने 392 में से 381 तहसीलों को ऑनलाइन किया है ताकि भू-अभिलेख सुगमता से उपलब्ध हो सके।
उन्होंने बताया कि गौशाला हेतु भूमि आवंटन की समय अवधि 20 वर्ष से बढ़ाकर 30 वर्ष कर दी गई है। राजकीय भूमियों के आवंटन हेतु प्राप्त आवेदन पत्रों का निस्तारण समय भी 60 दिवस नियत किया गया है। राजस्व मंत्री ने बताया पटवारी द्वारा नामान्तरकरण के प्रकरणों के निस्तारण की अवधि 7 दिन से घटाकर 5 दिन कर दी है।
राजस्व मंत्री ने बताया कि बजट 2022-23 में विक्रय, हकत्याग एवं उपहार के दस्तावेजों की रजिस्ट्री होते ही स्वतः नामातंरकरण दर्ज होकर जमाबंदी को अपडेट करने के प्रावधान किये गये है। इसके साथ ही अन्य मामलों, विरासत नामान्तरकरणों के लिए सम्पूर्ण प्रक्रिया को पेपरलेस किया जाएगा। उन्होंने बताया कि शीघ्र ही स्वयं किसानों द्वारा मोबाइल एप के माध्यम से ऑनलाइन गिरदावरी करने की शुरूआत की जा रही है। इस नवाचार से किसान प्राकृतिक आपदा से फसल में हुये नुकसान की एप के माध्यम से गिरदावरी कर सकेंगे और इसकी रिपोर्ट अधिकारियों को दे सकेंगे। विभाग ने चारागाह पॉलिसी भी जारी की है, जिसके अनुसार 100 वर्गमीटर तक भूमि का पट्टा देने का प्रावधान किया गया है।
श्री जाट ने बताया कि विभाग ने डिजिटल इंडिया लैण्ड रिकार्ड मॉडर्नाइजेशन प्रोग्राम, मॉडर्न रिकॉर्ड रूम, अपना खाता पोर्टल, सर्वे-रिसर्वे कार्यक्रम, धरा मोबाईल एप, कृषि ऋण रहन पोर्टल जैसी पहलों मे आधुनिक तकनीको को प्रयोग करते हुए राजस्व संबंधी कार्यों व प्रकियाओं का सरलीकरण किया है। उन्होंने बताया कि विभाग ने 359 नायब तहसीलदार को नियुक्ति दी है और शेष 111 के साक्षात्कार लंबित हैं।