उदयपुर 11 अप्रेल। जिले के मावली उपखंड क्षेत्र के लोपड़ा गांव में मासूम बेटी की जघन्य हत्या के मामले में अनूठी संवेदनशीलता दिखाते हुए मृतका के भाई को जहां एक ओर संविदा पर नौकरी दिलाई वहीं उसे अपने घर में पारिवारिक सदस्य की भांति आश्रय देते हुए उसके कॅरियर निर्माण के लिए अपनी प्रतिबद्धता दिखाई।
मंगलवार दोपहर कलेक्टर ताराचंद मीणा ने मृतका के भाई व अन्य परिजनों को कलेक्ट्रेट बुलाया और भाई को जनता क्लिनिक में संविदा नौकरी का नियुक्ति पत्र सौंपते हुए कहा कि मैं अब इसे अपने बंगले पर ही रखूंगा। नौकरी के साथ-साथ यह आगामी पढ़ाई भी करेगा और इसके भविष्य का निर्माण करूंगा। उन्होंने भाई को अपने घर पर परिवार के सदस्य की भांति रखने और उसकी परवरिश करने के लिए परिवारजनों से सहमति ली और कहा कि परिवार के लिए जो भी जरूरत होगी, उसके लिए मदद करेंगे। इस दौरान मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. शंकरलाल बामनिया ने बताया कि जिला कलक्टर के निर्देशानुसार मृतका के भाई को दक्षिण विस्तार बलिचा स्थित शहरी जनता क्लिनिक पर सपोर्टिंग स्टाफ के संविदा पद पर नियुक्त किया गया है। उन्होंने संविदा नौकरी और जनता क्लिनिक में किए जाने वाले कार्य के बारे में जानकारी दी। इस दौरान मावली एसडीओ श्रीकांत व्यास, कलक्टर के निजी सहायक राधेश्याम शर्मा, महेश पालीवाल, सरपंच लोगार भील, माधोलाल भील, मनीष वैष्णव, हीरालाल भील, रमेश कुमार वीडीओ व अन्य ग्रामीण मौजूद थे।
पहली बार कलक्टर बंगले पहुंचा परिवार :
भाई को नियुक्ति पत्र सौंपने के बाद कलक्टर के निर्देशों पर सभी परिवारजनों को अपने बंगले भेजा। यहां पहुंच कर परिवारजनों और भाई ने संपूर्ण बंगला देखा। इस दौरान परिवारजन भावुक हो उठे और कहा कि कलक्टर ने भाई को नौकरी दिलाकर और अपने परिवार का सदस्य बनाकर न सिर्फ इस परिवार को अपितु संपूर्ण आदिवासी अंचल के प्रति अपनी हमदर्दी बताई है। उन्होंने परिवार को संबल देने के लिए राज्य सरकार और कलक्टर का आभार भी जताया।
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