उदयपुर, 18 अप्रेल। राजस्थान में धतूरे की नई प्रजाति मिली है। राजस्थान के फ्लोरा में इस नई प्रजाति को जोड़ने का श्रेय पर्यावरण विशेषज्ञ एवं वन विभाग के सेवानिवृत एसीएफ डॉ. सतीश कुमार शर्मा व फाउन्डेशन फॉर ईकोलॉजिकल सिक्यूरिटी के जीव विज्ञानी डॉ. अनिल सरसावन को जाता है।
डॉ. शर्मा के अनुसार राजस्थान में धतूरे की पाँच प्रजातियां पहले से ही ज्ञात हैं। हाल ही में छठी प्रजाति डटूरा क्वर्सिफोलिया की खोज उदयपुर जिले के धार गाँव में हुई है। इस नई खोज का विवरण अनुसंधान जर्नल ‘इंडियन जर्नल ऑफ एन्वायरमेन्ट साइस के अंक 27(1) में पेज 1 से 3 पर प्रकाशित हुआ है।
वर्ष 2022 में वर्षाकाल में डटूरा डिसकलर नामक धतूरे की खोज भी इन दोनों प्रकृतिविदों ने ही की थी जिसके फूूल का गला बेंगनी होता है। नई खोजी गई प्रजाति के फूल का गला भी बैंगनी होता है परंतु इसके परागकोष बैंगनी-काले रंग के होते हैं। पूर्व में खोजी प्रजाति के परागकोष सफेद रंग के होते हैं। नई खोजी गई प्रजाति डटूरा क्वर्सिफोलिया के फूल की लम्बाई वृंत को छोड़कर लगभग 8.5 सेमी होती है जबकि इससे मिलती जुलती प्रजाति डटूरा डिस्कलर के कृन्त को छोड़कर फूल की लम्बाई 15 सेमी से ज्यादा होती है।
डॉ. शर्मा ने बताया कि डटूरा क्वर्सिफोलिया नामक यह नई प्रजाति लगभग 50 सेमी तक ऊँची बढ जाती है। इसकी पत्तियाँ 12-15 सेमी लम्बी व 11-13 सेमी चैड़ी होती हैं। पत्तियों पर मध्य शिरा के दोनों और 2-2 या 3-3 बड़े दाँतेेदार उभार होते हैं। इसके फूल पर बड़े व छोटे दो आकार के कांटे होते है जो 3-4 सेमी तक लम्बे हो जाते हैं जबकि छोटे काँटे लगभग 1 सेमी तक बढ़ते हैं। लम्बे कांटे फल के शीर्ष पर होते हैं।
उन्होंने बताया कि डटूरा क्वर्सिफोलिया मेक्सिको का मूल निवासी है। यह प्रजाति भारत में महाराष्ट्र व तमिलनाडु में देखी गई थी। राजस्थान तीसरा राज्य है जहाँ इस प्रजाति के दस्तक दी है।
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