उदयपुर। संस्कारवान, चरित्रवान एवं प्रज्ञावान पीढ़ी को तैयार करना आज की पहली प्राथमिकता है। यह विचार नवनिर्वाचित सांसद डॉ. मन्नालाल रावत ने मंगलवार को राजस्थान वनवासी कल्याण परिषद के उदयपुर सेक्टर 13 स्थित प्रांतीय कार्यालय में संस्कार केंद्र संचालकों के प्रशिक्षण शिविर में व्यक्त किए। रावत कार्यालय पहुंचे जहां राज्य के सुदूर जनजाति क्षेत्र के विभिन्न गांव में संचालित एकलव्य संस्कार केदो के संचालक-संचालिकाओं का प्रशिक्षण शिविर चल रहा था। इन संस्कार केंद्रों पर नन्हे नन्हे बालक बालिकाएं नियमित आते हैं जहां इन्हें अपनी संस्कृति के मूलभूत तत्वों से परिचय करवाया जाता है। साथ ही आधारभूत शिक्षा प्रदान की जाती है। रावत ने जनजाति क्षेत्र में इन संस्कार केंद्रों को अत्यधिक महत्वपूर्ण एवं आवश्यक बताया। रावत ने संचालक-संचालिकाओं से आह्वान किया कि आप हमारे नन्हे बालक बालिकाओं को हमारी संस्कृति आस्था परंपरा एवं देश प्रथम की भावना से जागरण करें। रावत ने कहा कि आपके प्रयासों से ही आने वाले भविष्य में संस्कारवान,चरित्रवान, प्रज्ञावान एक ऐसी पीढ़ी तैयार होगी जो देश को परम वैभव की ओर ले जाएगी। निर्वाचन के बाद प्रथम बार राजस्थान वनवासी कल्याण परिषद के कार्यालय पहुंचने पर रावत एवं धर्म पत्नी डॉ. रजनी रावत का परिषद के कार्यकर्ताओं ने पुष्प गुच्छ एवं स्मृति चिन्ह से स्वागत किया। कार्यक्रम में राजस्थान वनवासी कल्याण परिषद के प्रांत संगठन मंत्री जगदीश कुलमी, सह संगठन मंत्री शंकर, परिषद के उपाध्यक्ष जगदीश जोशी एवं अन्य कई कार्यकर्ता उपस्थित रहें। कार्यक्रम का संचालन नरेंद्र ने किया।
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