भींडर। उदयपुर जिले के माध्यमिक और प्रारंभिक स्कूलों के शारीरिक शिक्षकों की दो दिवसीय जिला स्तरीय सत्रारंभ वाकपीठ संगोष्ठी राजकीय भैरव उच्च माध्यमिक विद्यालय भींडर में आज शुरू हुई। निदेशालय माध्यमिक शिक्षा राजस्थान बीकानेर के निर्देशानुसार उदयपुर जिले के प्रारंभिक शिक्षा विभाग विभाग के अंतर्गत आने वाले समस्त विद्यालयों के शारीरिक शिक्षकों एवं माध्यमिक शिक्षा के अंतर्गत आने वाले जिले के सात ब्लॉको सायराए गोगुंदाए बड़गांवए मावलीए भींडर एकुराबड एवं वल्लभनगर के राजकीय एअनुदानितए मान्यता प्राप्त एवं गैर राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालयए बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालयए संस्थानों के शारीरिक शिक्षकों की दो दिवसीय जिला स्तरीय वाकपीठ संगोष्ठी आज सोमवार को राजकीय भैरव उच्च माध्यमिक विद्यालय भींडर में शुरु हुई । माध्यमिक शिक्षा शारीरिक शिक्षक वाक्पीठ के जिला अध्यक्ष डाइट व्याख्याता लक्ष्मण दास वैष्णव एवं प्रारंभिक शिक्षा वाकपीठ के जिला अध्यक्ष विजय लाल मेनारिया ने बताया कि प्रथम दिन आयोजित उद्घाटन समारोह के मुख्य अतिथि राणा प्रताप शिक्षण संस्थान के प्रबंध निदेशक गणपत लाल मेनारिया थे । अध्यक्षता मेजबान राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय भिंडर के प्रधानाचार्य पंकज चौबिसा ने की । विशिष्ट अतिथि राजस्थान शारीरिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष हापूराम चौधरी ए उप जिला शिक्षा अधिकारी शारीरिक शिक्षा उदयपुर लक्ष्मण लाल सालवी ए डाइट व्याख्याता लक्ष्मण दास वैष्णवए राजस्थान शारीरिक शिक्षक संघ के प्रदेश महामंत्री भेरू सिंह राठौड़ए मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी रमेश खटीकए राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय के जिला मंत्री वगत लाल शर्माए वरिष्ठ शारीरिक शिक्षक एवं संरक्षक हीरालाल सुथारए सभाध्यक्ष जयप्रकाशए पूर्व वाक्पीठ अध्यक्ष हनुमंत रावलए मुख्य सलाहकार एवं व्याख्याता शारीरिक शिक्षा हर्षवर्धन सिंह रावए वॉलीबॉल प्रशिक्षक रतन चास्टाए शंभू सिंह राठौड़ शारीरिक शिक्षक संघ के जिला अध्यक्ष गोवर्धन सिंह झालाए भामाशाह चक्रवीर सिंहए प्रारंभिक शिक्षा वाकपिठ के जिला सचिव जगन्नाथ सिंह चुंडावत एगजेंद्र मोहन चौबीसाए जिला खेलकूद संचालन समिति के युगल किशोर शर्माएदिलीप भाणावत ए शशिकांत आमेटा एमुकेश चौबीसाए दिनेश चौबीसा आदि थे ।
कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती को दीप प्रचलन एवं सरस्वती वंदना से किया गया। प्रारंभिक एवं माध्यमिक शिक्षा के जिला वाक्पीठ की कार्यकारिणी द्वारा समस्त अतिथियों का तिलक ऊपरना एवं मोठडा धारण करवा कर स्वागत अभिनंदन किया गया।
माध्यमिक शिक्षा वाकपीठ अध्यक्ष लक्ष्मण दास वैष्णव एवं प्रारंभिक शिक्षा के अध्यक्ष विजय लाल मेनारिया द्वारा स्वागत उद्बोधन प्रस्तुत किया गया।
संगोष्ठी में शारीरिक शिक्षकों द्वारा गत वर्ष विभिन्न खेलों में हासिल की गई उपलब्धियां एवं राज्य एवं जिला स्तरीय स्तर पर आयोजित खेल प्रतियोगिताओं की समीक्षा एइस सत्र में सौंप गए दायित्व निर्वहन की रूपरेखाए खेल जगत में हुए नए नियमों पर वार्ताओं के माध्यम से विचार मंथन किया गया।
मुख्य अतिथि गणपत लाल मेनारिया ने अपने संबोधन में शारीरिक शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा की एक समय था जब प्रधानाध्यापक के बाद विद्यालय में दूसरा पद शारीरिक शिक्षा का होता था लेकिन आज एकता की कमी के कारण
राजकीय कर्मचारियों में केडर को लेकर के सबसे सर्वाधिक दयनीय स्थिति शारीरिक शिक्षकों की हो चुकी है । सभी शारीरिक शिक्षको एक मंच पर आकर अपने प्रोफेशन के बारे में गहराई से सोचना होगा ए अपने कैडर के लिए संघर्ष करना होगा। शारीरिक शिक्षकों की विभिन्न समस्याओं एवं मांगों के निदान के लिए वे हमेशा शारीरिक शिक्षकों के साथ खड़े रहेंगे क्योंकि आज भी वे अपने आप को एक शारीरिक शिक्षक ही समझते हैं।
राजस्थान शारीरिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष हापुरम चौधरी ने संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि पिछले ही दिनों सभी जिला मुख्यालय पर शारीरिक शिक्षकों की 16 सूत्री मांगों का ज्ञापन मुख्यमंत्री के नाम दिया गया। कई स्थानों पर कई स्कूलों में 105 से भी घटते हुए क्रम में शारीरिक शिक्षकों को पद स्थापित किया जा चुका है ऐसे में छात्र संख्या की बाध्यता कानूनी रूप से स्वत ही समाप्त हो चुकी है । सालों से पीटीआई के नाम से हमें मुक्ति मिल चुकी है अब हम शारीरिक शिक्षा अध्यापक हैं लंबे संघर्ष के बाद हमारे पद को दुरस्त तो कर दिया है लेकिन सालों से पदोन्नतियां अभी भी अटकी पड़ी है शारीरिक शिक्षकों को आव्हान किया की हमें अपने अधिकारों के लिए एक दूसरे का सहयोग करते हुए केडर का भला कैसे हो इस बारे में गंभीरता से सोचना चाहिए । हमें बच्चों को पढ़ना और खिलाना तो है ही उनमें नैतिक शिक्षा राष्ट्र प्रेम की भावना भरना हमारा मूल दायित्व है ।
अतिथियों के हाथों शारीरिक शिक्षक एवं कुश्ती प्रशिक्षक डॉक्टर सतीश चौधरी द्वारा अंग्रेजी में रचित पुस्तक श् इंटीग्रेटिंग योगा इन फिजिकल एजुकेशन प्रैक्टिस श् का विमोचन किया गया। इस अवसर पर हनुमंत रावल ने अपने उद्बोधन में शारीरिक शिक्षकों की पीड़ाओं को उठाते हुए कहा की हमारे साथ का ही साथी जिसने बीएड कि वह आज प्रिंसिपल के पद पर बैठा है और हम जिन्होंने बीपीएड की वह आज भी तृतीय श्रेणी शारीरिक शिक्षा अध्यापक के पद पर है। सिर्फ हमारा अपराध इतना है कि हम खिलाड़ी थे। आज उप जिला शिक्षा अधिकारी शारीरिक शिक्षा के पद पर नियुक्त तो किया जा रहा है लेकिन उनको किसी भी प्रकार का पावर नहीं है। सिर्फ नाम का पद है। शिक्षा विभाग की ओर से उप जिला शिक्षा अधिकारी लक्ष्मण लाल सालवी ने अपना उद्बोधन प्रस्तुत किया।
उद्घाटन समारोह में इसी सत्र में सेवानिवृत होने वाले शारीरिक शिक्षकों का अतिथियों के हाथों स्मृति चिन्हए
ऊपरना एवं मोठडा पहना करवा कर अभिनंदन किया गया। कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ शारीरिक शिक्षा एवं संरक्षक हीरालाल सुधार ने किया।
हिंदुस्तान स्काउट एंड गाइड के संभाग आयुक्त पद पर प्रतिनियुक्ति होने पर एवं शारीरिक शिक्षा वाकपीठ के जिला मीडिया प्रभारी के तौर पर सराहनीय कार्य किए जाने पर शारीरिक शिक्षक गोपाल मेहता का स्वागत अभिनंदन किया गया।
विशिष्ट अतिथि एवं वॉलीबॉल प्रशिक्षक रतन चास्टा ने उद्बोधन में कहा कि शारीरिक शिक्षक बहुमुखी प्रतिभा के धनी होते हैं जो विद्यालय के अनगिनत कार्य करते हैं एखेलए अनुशासन एअध्यापन भौतिक विकास आदि कार्यों में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करने के कारण शारीरिक शिक्षक विद्यालय की रीड की हड्डी होता है । एक शारीरिक शिक्षा शिक्षक पहले शिक्षक है उसके बाद में शारीरिक शिक्षक है एशारीरिक शिक्षक नकारात्मकता को सकारात्मक में बदलने की क्षमता रखता है।
विशिष्ट अतिथि राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय के जिला मंत्री वगत लाल शर्मा ने भी संगोष्ठी को संबोधित किया । संगोष्ठी के द्वितीय सत्र में हिंदुस्तान स्काउट एंड गाइड के संभाग आयुक्त गोपाल मेहता ने स्काउट पर विस्तृत वार्ता प्रस्तुत की।
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