जयपुर,17 अगस्त। निदेशक माध्यमिक शिक्षा, आशीष मोदी ने आदेश जारी कर बताया कि राजकीय एवं गैर राजकीय विद्यालयों में किसी भी प्रकार का धारदार हथियार, नुकीली वस्तुएं आदि लाने निषिद्व रहेगी। इसके तहत किसी भी प्रकार के धारदार हथियार जैसे चाकू, छुरी, धारदार कैंची या किसी भी नुकीली वस्तु को विद्यालय में लाना सख्त मना है। ऐसे किसी भी वस्तु का लाना एवं प्रयोग, सुरक्षा और अनुशासन के नियमों का उल्लंघन माना जाएगा।
उन्होेंने बताया कि भारत की संस्कृति “अहिंसा परमो धर्म“ के मूल्य का महत्व समझाकर अहिंसा को व्यक्तित्व का अभिन्न अंग बनाने पर बल देती है। राज्य सरकार, इन्हीं मूल्यों के अनुरूप, विद्यालय को सुरक्षित एवं स्वस्थ वातावरण के साथ-साथ विद्यार्थियों को संस्कारवान बनाने के लिए भयमुक्त परिवेश प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है, जहां विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास हो सके। इस उद्देश्य की पूर्ति हेतु विद्यालय में विद्यालय प्रशासन एवं शिक्षकों का विद्यार्थियों को निरन्तर प्रेरित करने के साथ, उनके आचरण पर सूक्ष्म ध्यान भी रखना चाहिए, जिससे विद्यार्थी अपने लक्ष्य के अनुरूप प्रगति पथ पर अग्रसर हो सके । इसमें बरती गई शिथिलता विद्यार्थी के प्रगति को अनुचित दिशा तो देती ही है, वरन साथ ही न विद्यार्थी स्वयं, उसके सहपाठी आदि को अनावश्यक हानि पहुँचा सकती है। ऐसी घटना से न केवल विद्यालय की प्रतिष्ठा प्रभावित होती हे बल्कि अन्य विद्यार्थियों एवं अभिभावकों का विश्वास भी प्रभावित होता है। इस संबंध में विद्यार्थियों के अतिरिक्त संस्था प्रधान शिक्षक एवं अभिभावकों की सजकता आवश्यक है।
संस्था प्रधान के दायित्व
संस्था प्रधान इसकी उद्घोषणा आदेश के रूप में सूचना पट पर चस्पा करेंगे साथ ही प्रार्थना सभा में उक्त के संबंध में जानकारी देंगे। ऐसे विषय पर अध्यापक अभिभावक परिषद की बैठक में भी विमर्श करेंगे।
शिक्षक का दायित्व
शिक्षक का दायित्व है कि उक्त व्यवस्था की निगरानी के लिए रेंडम रूप से विद्यार्थियों के बैग, डेस्क और व्यक्तिगत वस्तुओं के नियमित जांच की जावे ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके की कोई भी निषिद्व वस्तु विद्यालय परिसर में नहीं लाई गई है। विद्यार्थी का व्यवहार का नियमित प्रबोधन भी विद्यार्थी के व्यवहार में हुए आकस्मिक परिवर्तन को व्यक्त कर देता है। ऐसे विद्यार्थियों के लिए शिक्षक को अतिरिक्त सावधानी रखते हुए संवेदनशील होना चाहिए।
अभिभावकों का दायित्व
अभिभावकों की जिम्मेदारी हैं, कि वे अपने बच्चों को इन वस्तुओं के खतरों के बारे में जागरूक करें और उन्हें इस प्रकार की वस्तुएं विद्यालय में न लाने के लिए प्रोत्साहित करें। कभी कभी बच्चे के बैग को जांच ले। बच्चे में हुए व्यवहारगत परिवर्तन को जानते ही सजग हो जाए। शिक्षक से नियमित सम्पर्क में रहें ।
यदि किसी को धारदार हथियार या नुकीली वस्तुएं विद्यालय में लाते हुए पाया जाता है, तो संस्था प्रधान उसके अभिभावक को संपर्क करें आवश्यकता हो तो विद्यार्थी विरूद्ध सख्त अनुशासनात्मक कार्यवाही करें। विद्यार्थियों के बेहतर अध्ययन के साथ-साथ एक सुरक्षित और सकारात्मक शैक्षिक वातावरण देना भी विद्यालय का उद्देश्य है। अतः समस्त संस्था प्रधान यह सुनिश्चित करें कि विद्यालय का कोई भी विद्यार्थी धारदार हानि पहुंचा सकने वाली वस्तु विद्यालय परिसर में नहीं लाये जिससे कि भय का वातावरण अथवा किसी विद्यार्थी को हानि न हो।
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