फतहनगर। यहां के मंदिरों पर श्रावण मास के दौरान चल रहे हिण्डोलना मनोरथ का कजली तीज पर समापन किया गया। द्वारिकाधीश मंदिर पर श्रावण मास में रोजाना विविध हिण्डोलना मनोरथ के आयोजन किए गए। आज गुरूवार को अंतिम मनोरथ कजली तीज पर किया गया। अंतिम दिन काली छटा के बीच सजे हिण्डोलना में रजत सिंहासन पर नवनीत प्रियाजी के संग ठाकुरजी को विराजित कर उन्हें मनोहारी स्वर्ण आभूषणों का श्रृंगार धराया गया। सिर पर मोर पंखों से सज्जित मुकुट,कानों में स्वर्ण कंुडल,होटों पर बांसुरी एवं हाथों में शंख,चक्र,गदा सुशोभित हो रही थी जो कि श्रद्धालुओं का ध्यान बरबस अपनी ओर खींच रहे थे। सायं सवा सात बजे अंधेरा घिरने के साथ ही मंदिर के मुख्य द्वार खोले गए। पुजारी सत्यनारायण व कमल नयन पालीवाल द्वारा आरती की गई। आरती समापन के साथ ही श्रद्धालु भक्तों ने प्रसाद ग्रहण किया एवं मनोरथ का दर्शन लाभ लेते हुए ठाकुरजी के जयकारे लगाए। कीर्तनकारों द्वारा ठाकुरजी के शयन तक कीर्तन किया गया। द्वारिकाधीश महिला मण्डल की महिलाओं ने गीत गंुजन के जरिए मंदिर का वातावरण भक्तिमयी बना दिया। हिण्डोलना दर्शनों के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की भी आवाजाही अच्छी रही। कजली तीज होने से आज सुबह मंदिर परिसर में ही महिलाओं ने तीज पूजन कार्यक्रम भी आयोजित किया। नवीन परिधान में पूजा के थाल सजाए सुबह से ही तीज पूजन के लिए महिलाओं के आने का क्रम चलता रहा। घरों में भी महिलाओं ने तीज पूजन किया।
फतहनगर - सनवाड